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Pune Bridge Collapse: रेस्क्यू ऑपरेशन हुआ खत्म, 4 की मौत, कई घायल – सरकार ने किया 5-5 लाख रुपए मुआवज़े का ऐलान ।

 Pune bridge collapse

 Pune bridge collapse, तालेगांव, पुणे (महाराष्ट्र), 15 जून 2025:
पुणे के तालेगांव इलाके में इंद्रायणी नदी पर बना पुराना पुल रविवार शाम अचानक टूट गया। हादसे मेंहादसे म करीब 4 लोगो की मौत हो गयी और30 से ज्यादा लोग पानी के बहाव के चपेट में आ गए , सोमवार को रेस्क्यू ओप्रशन ख़त्म हुई जिसमे एनडीआरएफ(NDRF) और एसडीआरएफ(SDRF) टीम ने 4 शव बरामद कुल  38 लोगो को रेस्क्यू किया और  उनको अस्पताल पहुंचाया गया है। सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिवार को ₹5 लाख की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।

Pune Bridge Collapse: क्या था पुरा घटना ?



चश्मदीदों का कहना है कि घटना के समय पुल पर करीब 100 से 125 लोग मौजूद थे।
बारिश के कारण नदी उफान पर थी, और लोग उसका नजारा देखने के लिए पुल पर जमा हो गए थे। तभी दो बाइकसवार लोग भी पुल पर आ गए, लेकिन भीड़ इतनी थी कि बाइक निकालने का रास्ता नहीं था।

इसी वजह से लोग एक ही जगह पर इकठ्ठा हो गए, और वहां का वजन अचानक बढ़ गया।
पुल कमजोर था, और इतने वजन को सहन नहीं कर सका नतीजा: पुल का एक हिस्सा टूट गया और दर्जनों लोग पानी में जा गिरे।

घायल मरीज का बयान।

“हम सब मज़े से नदी का नजारा देख रहे थे। तभी पुल नीचे से हिला और कुछ ही पल में टूट गया। जो लोग पुल के बीच में खड़े थे, वो सीधे पानी में बह गए। और जो किनारे खड़े थे, वो नीचे पत्थरों पर गिरे और घायल हो गए।”

बताया जा रहा है कि पुल की ऊंचाई करीब 40–50 फीट थी, जिससे गिरने से 4 लोगों की मृत्यु और काफी लोगों गहरी चोटें आई हैं।


क्या ये हादसा टल सकता था,जांच से सामने आए संभावित कारण:

पुल बहुत पुराना था और इसका ढांचा जर्जर हालत में था।एक साल पहले ही इसे गिराने का टेंडर पास हो चुका था, लेकिन प्रशासनिक कारणों से काम शुरू नहीं हो पाया।पुल पर भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक थी, लेकिन बावजूद इसके लोग बाइक लेकर चढ़ जाते थे।कोई सख़्त निगरानी या फेंसिंग नहीं थी।

नेताओं और मंत्रियों का बयान : 5-5 लाख की आर्थिक सहायता


महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और जलसंसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने Pune bridge collapse हादसे पर दुख जताया और कहा:

हम जानते थे कि ये पुल बहुत पुराना हो चुका है। एक साल पहले इसे तोड़ने के लिए टेंडर पास हुआ था, लेकिन कुछ वजहों से काम नहीं शुरू हो पाया। हमने पुल पर चेतावनी नोटिस भी लगाया था कि यहां वाहनों की अनुमति नहीं है, लेकिन लोगों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।”
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
मृतकों को श्रद्धांजलि और मदद की घोषणा

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री से संपर्क कर उन्हें हादसे की पूरी जानकारी दे दी है। साथ ही, उन्होंने यह घोषणा की है कि इस दुखद घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों को ₹5-5 लाख की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

स्थानीय विधायक सुनील शेल्के ने Pune bridge collapse घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह हादसा मुख्य रूप से लोगों की लापरवाही का नतीजा है। उन्होंने बताया कि प्रशासन की ओर से पहले ही चेतावनी जारी कर दी गई थी कि पुल की हालत जर्जर है और उस पर वाहनों का जाना प्रतिबंधित है। इसके बावजूद लोगों ने चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए पुल पर 10–20 गाड़ियाँ खड़ी कर दी थीं, जिससे पुल पर अतिरिक्त भार पड़ा।

शेल्के ने यह भी कहा कि अगर सरकार की ओर से थोड़ी सी तत्परता दिखाई जाती, तो यह पुल समय रहते तोड़कर नया बना दिया जाता। उन्होंने स्पष्ट किया कि पुल के एक ओर रक्षा विभाग का कार्यालय था और दूसरी ओर किसानों की ज़मीन थी, जिसके कारण निर्माण कार्य में कुछ तकनीकी और विभागीय अड़चनें भी आ रही थीं।

Pune bridge collapse में रेस्क्यू टीम SDRF और NDRF के अनुसार अब तक 4 शव बरामद किए जा चुके हैं, जिन्हें पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है और कुल 38 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया गया है। टीमों ने यह भी बताया कि स्थिति की निगरानी लगातार की जा रही है और आवश्यकता पड़ने पर दोबारा रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया जाएगा।

सोशल मीडिया और जन आक्रोश

घटना के तुरंत बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर वीडियो और फोटो पोस्ट किए, जो वायरल हो गए। ट्विटर पर # Pune bridge collapse ट्रेंड करने लगा।
लोगों ने प्रशासन से जवाब मांगा है — “कब तक ऐसे हादसों का शिकार बनते रहेंगे आम लोग?”

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